CORRECT LYRICS
Lyrics : Madari Ka Bandar
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
खन खन खनके गिनती के सिक्के
सांसो टकसाल में
मोह माया ने उलझाया किस फरेबी जाल में
खारे पानी में ढूंढे मीठा समंदर
अरे बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
कीमत लगेगी ठाट वाट की
एक बार चढनी है हांड़ी ये काठ की
कैसा करतब है जाने क्या कब है
ऊँगली पे झुले नटनी घाट घाट की
चढ़ा है जो सुरूर ये
मरघट के जमघट में
पल में उत्तर जायेगा
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
खन खन खनके गिनती के सिक्के
सांसो टकसाल में
मोह माया ने उलझाया किस फरेबी जाल में
खारे पानी में ढूंढे मीठा समंदर
अरे बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
बनके मदारी का बंदर
डुग डुगी पे नाचे सिकंदर
कीमत लगेगी ठाट वाट की
एक बार चढनी है हांड़ी ये काठ की
कैसा करतब है जाने क्या कब है
ऊँगली पे झुले नटनी घाट घाट की
चढ़ा है जो सुरूर ये
मरघट के जमघट में
पल में उत्तर जायेगा